श्री जानकीनाथ जी की आरती

आत्मबल में वृद्धि के लिए सुनें ये आरती

श्री जानकीनाथ जी की आरती (Shri Janki Nath Ji Ki Aarti)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा के बाद जानकीनाथ जी आरती की जाती है। अगर कोई व्यक्ति श्री जानकीनाथ जी की आरती करता है, तो उसके सभी दु:खों और कष्टों का नाश होता है। इसी के साथ श्री जानकीनाथ जी की आरती करने से जातक को भगवान श्रीराम की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी पापों का नाश होता है। तो आइए पढ़ते हैं श्री जानकीनाथ जी की आरती (Shri Janki Nath Ki Aarti In Hindi) हिंदी में।

श्री जानकीनाथ जी की आरती के लिरिक्स (Shri Janki Nath ji Ki Aarti Lyrics)

ॐ जय जानकीनाथा, जय श्री रघुनाथा । दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनिये बाता ॥ ॐ जय..॥

तुम रघुनाथ हमारे, प्राण पिता माता । तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता ॥ ॐ जय..॥

लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा । निशदिन प्रभु मोहि रखिये, अपने ही पासा ॥ ॐ जय..॥

राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया । जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया ॥ ॐ जय..॥

हनुमत नाद बजावत, नेवर झमकाता । स्वर्णथाल कर आरती, करत कौशल्या माता ॥ ॐ जय..॥

सुभग मुकुट सिर, धनु सर, कर शोभा भारी । मनीराम दर्शन करि, पल-पल बलिहारी ॥ ॐ जय..॥

जय जानकिनाथा, हो प्रभु जय श्री रघुनाथा । हो प्रभु जय सीता माता, हो प्रभु जय लक्ष्मण भ्राता ॥ ॐ जय..॥

हो प्रभु जय चारौं भ्राता, हो प्रभु जय हनुमत दासा । दोउ कर जोड़े विनवौं, प्रभु मेरी सुनो बाता ॥ ॐ जय..॥

  1. श्री जानकीनाथ जी की आरती के लिरिक्स (Shri Janki Nath ji Ki Aarti Lyrics)

जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा । दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु ! सुनिये बाता ॥

तुम रघुनाथ हमारे, प्रान पिता माता । तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति-दाता ॥ जय…

लख चौरासी काटो, मेटो यम-त्रासा । निसदिन प्रभु मोहि रखिये, अपने ही पासा ॥ जय…

राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया । जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया ॥ जय…

हनुमत नाद बजावत, नेवर झमकाता । स्वर्णथाल कर आरती, कौसल्या माता ॥ जय…

सुभग मुकुट सिर, धनु सर कर सोभा भारी । मनीराम दर्शन करि, पल-पल बलिहारी ॥ जय…

॥ इति श्री जानकीनाथ आरती संपूर्णम् ॥