Home » श्री राणी सती दादीजी की आरती
जब कोई व्यक्ति रोज राणी सती दादीजी की आरती करता हैं और उनका ध्यान करता हैं उस पर दादीजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही उसके अंदर शत्रुओं से निपटने की शक्ति विकसित होती है जीवन में जो भी विपदाएं या संकट आ रहे थे, उन्हें सुलझाने के मार्ग खुल जाते है। राणी सती दादी जी की आरती के माध्यम से व्यक्ति का मानसिक विकास तेजी से होता है और वह साहसी एवं निडर बनता है। तो आइए पढ़ते हैं राणी सती दादीजी की आरती हिंदी (Rani Sati Dadi ji Ki Aarti In Hindi) में।
|| राणी सती दादीजी आरती ||
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय जगदम्ब सती, अपने भक्त जनों की, अपने दास जनों की, दूर करो विपत्ती॥ ॐ जय श्री राणी सती …
अवनि अनंतर ज्योति अखंडीत, मंडित चहुँ ककुंभा दुर्जन दलन खडग की विद्युत सम प्रतिभा॥ ॐ जय श्री राणी सती …
मरकत मणि मंदिर अति मंजुल, शोभा लखि न पडे, ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश धरे॥ ॐ जय श्री राणी सती …
घंटा घनन घडावल बाजत, शंख मृदुग घूरे, किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे॥ ॐ जय श्री राणी सती …
सप्त मात्रिका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे, विविध प्रकार के व्यजंन, श्रीफल भेट धरे॥ ॐ जय श्री राणी सती …
संकट विकट विदारनि, नाशनि हो कुमति, सेवक जन ह्रदय पटले, मृदूल करन सुमति|| ॐ जय श्री राणी सती …
अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा| दास आयो है शरण आपकी, लाज रखो माता॥ ॐ जय श्री राणी सती … श्री राणी सती मैया जी की आरती, जो कोई नर गावे, सदनसिद्धि नवनिधी , मनवांछित फल पावे || ॐ जय श्री राणी सती …
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय जगदम्ब सती, अपने भक्त जनों की, अपने दास जनों की, दूर करो विपत्ती॥ ॐ जय श्री राणी सती …