No Record Found
Home » मन बस गयो नन्दकिशोर अब जाना नहीं कहीं और लिरिक्स
मन बस गयो नन्दकिशोर,अब जाना नहीं कहीं और,बसालो वृन्दावन में, बसालो वृन्दावन में ।।
सौंप दिया अब जीवन तोहे,राखो जेहि विधि रखना मोहे।तेरे दर पे पड़ी हूँ सब छोर, अब जाना नहीं कहीं और ।।बसालो….
मोहे वृन्दावन की धूल बनालो,कालिन्दी का कूल बनालो ।मैं तो नाचूँगी बनकर मोर, अब जाना नहीं कहीं और ।।बसालो….
चाकर बन तेरी सेवा करुँगी,मधुकरी मांग कलेवा करुँगी।तेरे दर्श करुँगी उठ भोर, अब जाना नहीं कहीं और ।।बसालो….
अर्ज मेरी मंजूर ये करना,वृन्दावन से दूर ना करना ।कहे “मधुप हरि जी” कर जोड़, अब जाना नहीं कहीं और ।।बसालो…