No Record Found
Home » पीतरां की ज्योत सवाई जी पीतरां की लिरिक्स
दोहा – पीतरां न भूलां नहीं जो बाँधे या गांठ ।वे घर जाकर देखल्यो भोत घनेरा ठाठ ॥
तर्ज : खाटू को श्याम रंगीलो रे
पीतरां की ज्योत सवाई जी पीतरां की,ज्योति सवाई आंकी घणी सकलाई,म्हें तो मिल कर महिमा गाई जी, पीतरां की ॥
कुल का देव ये कुल का रक्षक,चरणां मांय झुकाल्यो मस्तक,थे सदा करो सेवकाई जी, पीतरां की ॥
घर परिवार का मालिक समझों,थारे सिर पर आं को करजो,जो कुछ है सारी कमाई जी, पीतरां की ॥
हर मांवस न ज्योत थे लीज्यो,सालू- साल पहरावनी दीज्यो,और दिल से करो बड़ाई जी, पीतरां की |
“बिन्नू” सेवक मण्डल के सागै,अरज करे है पीतरां के आगे,म्हाने याद घनेरी आई जी पीतरां की ॥