Guru Chandal Yoga

गुरु चांडाल योग क्या है? इसका प्रभाव, अवधि, लाभ और उपाय जानें। यह योग कैसे जीवन पर प्रभाव डालता है और इसके दुष्प्रभावों से बचने के उपाय क्या हैं?

Guru Chandal Yog

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को सबसे बड़ा और सबसे शुभ ग्रह माना जाता है। लेकिन बृहस्पति की एक स्थिति जातक के जीवन में दुख-दरिद्रता ला सकती है। हर मनुष्य की कुंडली में कई शुभ-अशुभ योग होते हैं, उनमें से एक है ‘गुरु चांडाल योग’। यह योग अत्यंत विनाशकारी माना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में गुरु चांडाल योग योग होता है, उन्हें जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

आइये जानते हैं गुरु चांडाल योग क्या है और इसका प्रभाव व उपाय क्या है।

गुरु चांडाल योग क्या है? (Guru Chandal Yoga)

अगर कुंडली में राहु बृहस्पति एक साथ हों तो गुरु चांडाल योग बनता है। कुंडली में कहीं भी यह योग बनता हो तो हानिकारक ही होता है। हालांकि अगर ये लग्न, पंचम या नवम भाव में हो, तो इसका प्रभाव विशेष नकारात्मक होता है। यदि समय पर गुरु चांडाल दोष के लिए उचित उपाय न किया जाए तो कुंडली के शुभ योग भी अशुभ फल देने वाले हो जाते हैं।

गुरु चांडाल दोष क्या होता है? (What is Guru Chandal Dosha)

गुरु चांडाल दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति और राहु का संयोग होता है। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन दुख व चुनौतियों से भर जाता है। विशेषकर उन लोगों के लिए, जिनकी कुंडली में बृहस्पति केंद्र स्थान में स्थित है, राहु का प्रभाव अधिक होता है।

इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता और मान-सम्मान में कमी का सामना करना पड़ता है। मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर गुरु चांडाल दोष का प्रभाव अधिक देखा जाता है। आपको बता दें कि इस दोष को कालसर्प दोष से भी घातक बताया गया है।

गुरु चांडाल योग कब तक रहता है? (Guru Chandal Yoga Duration)

जातक की कुंडली में बना गुरु चांडाल योग तब तक रहता है, जबतक राहु उसकी राशि से निकलकर दूसरी राशि में नहीं चले जाते। राहु के राशि परिवर्तन के बाद गुरु चांडाल योग समाप्त हो जाता है।

गुरु चांडाल दोष के प्रभाव (Guru Chandal Yoga Effects)

  • जातक की कुंडली में गुरु चांडाल दोष होने पर उसके चरित्र पर लांछन लग सकता है।
  • व्यक्ति को परिवार के सदस्यों व मित्रों से धोखा है।
  • इसके अलावा छात्रों को पढ़ाई में समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • नौकरीपेशा लोगों को भी अधिकारियों की ओर से तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
  • गुरु चांडाल योग के कारण पिता और पुत्र में तनाव हो सकता है।
  • विवाहित लोगों के दांपत्य जीवन में कलह हो सकती है।
  • कुंडली में गुरु चांडाल योग बनने से जातक को अपनी नौकरी-व्यवापार से हाथ धोना पड़ सकता है।
  • गुरु चांडाल योग के प्रभाव से खर्च बढ़ जाते हैं, और आर्थिक तंगी आ सकती है।
  • गुरु चांडाल बनने पर लोग जिद्दी और क्रोधी हो सकते हैं, जिससे वे स्वयं अपना नुकसान कर सकते हैं।

गुरु चांडाल योग के फायदे (Guru Chandal Yog Benefits)

  • कुंडली के त्रिकोण भावों में बना गुरु चांडाल योग यदि त्रिक भावों से संबंधित नहीं है तो ऐसे में व्यक्ति बुद्धिमान व ज्ञानी होता है।
  • जिस व्यक्ति की कुंडली के त्रिकोण भावों में गुरु चांडाल योग बनता है, वह उच्च शिक्षा के साथ अनुसंधान व अन्वेषण के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
  • केंद्र स्थानों पर बना गुरु चांडाल योग यदि आय भावों से संबंधित हो तो व्यक्ति अपनी मेहनत से धन अर्जित करता है, साथ ही समाज में उसकी प्रतिष्ठा में भी बढ़ोत्तरी होती है।
  • ऐसा व्यक्ति राजनीति व समाजसेवा में रुचि रखने वाला भी होता है।

गुरु चांडाल योग के उपाय (Guru Chandal Yog Remedies)

  • देवगुरु बृहस्पति को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र, पीली मिठाई, पीले फल, पीले फूल, पीले चावल आदि चढ़ाएं।
  • राहु के निमित्त भी पूजा पाठ करें, व दान पुण्य करें।
  • हमेशा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें।
  • नियमित रूप से किसी भी धर्म स्थान या मंदिर में जाते रहें।
  • प्रतिदिन हल्दी की माला से प्रातः गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • गले में सोने या पीतल का चौकोर टुकड़ा धारण करें।
  • उचित स्थान पर पीपल के पौधे लगवाएं।
  • मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।