हवन करते समय इन मंत्रों के साथ दें आहुति:

सुख और वैभव के लिए पढ़ें

हवन कुंड, हवन सामग्री (आम की लकड़ी, चावल, जौ, कलावा, शक्कर, गाय का घी, पान का पत्ता, काला तिल, सूखा नारियल, लौंग, इलायची, कपूर, बताशा आदि) लाकर सबसे पहले स्नान तथा भूमि, कलश तथा देव पूजन कर लें।

हवन सामग्री को आपस में ठीक से मिला लें।

हवन कुंड को जल से शुद्ध कर लें। आटे से रंगोली बनाकर इसके ऊपर हवन कुंड रख दें। हवन कुंड के चारों तरफ कलावा बाँध दें। हवन कुंड में लकड़ी रखें और थोड़ा सा कपूर या घी डालकर अग्नि प्रज्वलित करें। आसन पर बैठकर निम्न मंत्र एक-एक कर पढ़ें। हर मंत्र के पाठ के बाद अग्नि में आहुति डाल दें।

हवन करते समय इन मंत्रों के साथ दें आहुति:

ऊं आग्नेय नम: स्वाहा

ऊं गणेशाय नम: स्वाहा

ऊं गौरियाय नम: स्वाहा

ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा

ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा

ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा

ऊं हनुमते नम: स्वाहा

ऊं भैरवाय नम: स्वाहा

ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा

ऊं न देवताय नम: स्वाहा

ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा

ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा

ऊं शिवाय नम: स्वाहा

ऊं जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा

स्वधा नमस्तुति स्वाहा।

ऊं ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।

ऊं गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।

ऊं शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।

अब इसके बाद हवन में खीर का भोग डालें। फिर एक सूखा नारियल लें। इसके चारों ओर रक्षा सूत्र लपेट कर घी मल लें। इस नारियल को हवन कुंड के बीच में रख दें। अंत में बची हुआ हवन धूप को ऊपर से डालकर इस मंत्र को बोले- ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् , पूर्ण मुदच्यते,

पूर्णस्य पूर्णमादाय, पूर्ण मेवा वशिष्यते.