Home » बुधवार के दिन गणेशजी की पूजा से होंगे लाभ
सनातन धर्म में भगवान श्री गणेश को प्रथम पूजनीय देवता कहा जाता है। कोई भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले या किसी किसी भी पूजा से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि बिना भगवान गणेश की पूजा के कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं हो सकता। प्रभु विनायक को भारत के अलावा अन्य देशों में भी पूजा जाता है।
माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने के बाद प्रारंभ होने वाला कार्य हर हाल में पूरा होगा। भगवान शिव व माता पार्वती के पुत्र गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। मान्यता है कि मनुष्य जब भी किसी संकट में फंसता है और सच्चे मन से भगवान गणेश को याद करता है तो उसका संकट टल जाता है। मान्यता है कि मनुष्य जब भी किसी संकट में फंसता है और सच्चे मन से भगवान गणेश को याद करता है तो उसका संकट टल जाता है।
गणेश जी की पूजा करने से सबसे पहले स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद पूजा की चौकी पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर लें और लाल कपड़ा बिछाएं।
अब अक्षत डालकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
भगवान श्री गणेश का अभिषेक करें।
इसेक बाद एक-एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक इत्यादि अर्पित करें।
गणेश जी की मूर्ति के पास धूप-दिया जलाककर रख दें।
फिर गणेश जी का पसंदीदा मोदक या लडूड का भोग लगाएं।
पूजा करने के लिए आप गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण करें।
अब अंत में उनकी आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
1 समृद्धि की प्राप्ति भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और भक्त अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। 2 भाग्योदय भगवान गणेश की सच्चे दिल से आराधना करने से भगवान विनायक उसको कभी भी अपने द्वार से खाली हाथ नहीं भेजते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से भाग्योदय होता है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है। 3 बुद्धिमत्ता वृद्धि भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि का देवता कहा जाता है। गणेश जी की पूजा करने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। 4 दूर होती हैं विपत्तियां भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है यानी वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सभी विपत्तियों को दूर करते हैं। अगर किसी के जीवन में कई अड़चनें आ रही है तो उसे भगवान गणेश की पूजा जरूर करनी चाहिए। इतना ही नहीं भगवान गणेश की पूजा करने से भय पर भी विजय प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 5 सहनशील बनता है इंसान भगवान गणेश के बड़े-बड़े कान इस बात का प्रतीक है कि भगवान गणेश ध्यानपूर्वक बातों को सुनते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से इंसान अपने अंदर छिपी शक्ति पर ध्यान देने लगता है जिससे सहनशीलता में वृद्धि होती है।
गणेश जी की पूजा करते समय भक्तों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। गणेश जी की पूजा करते समय टूटे हुए अक्षत, तुलसी जैसे कई चीजों को अर्पित नहीं करना चाहिए। टूटे हुए अक्षत गणेश जी की पूजा में अक्षत यानि चावल अर्पित किए जाते हैं, लेकिन गणेश जी को टूटे हुए अक्षत नहीं चढ़ाना चाहिए। गणपति को अक्षत अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। तुलसी **भगवान गणेश की पूजा में भूलकर भी तुलसी दल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिस वजह से तुलसी ने नाराज होकर गणेशजी को श्राप दिया कि उनके एकल नहीं बल्कि दो-दो विवाह होंगे। तुलसी के श्राप से नाराज होकर गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। इसके बाद भगवान श्री गणेश जी की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है। केतकी के फूल गणेश जी को सफेद फूल या केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव को केतकी के फूल नहीं अर्पित किया जाता है, इसी वजह से भगवान गणेश जी को भी केतकी के फूल नहीं पसंद। सूखे फूल भगवान गणेश की पूजा करते समय सूखे और बासी फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पूजा में सूखे हुए फूलों के प्रयोग से परिवार में दरिद्रता का वास होता है। सफेद रंग की चीजें पौराणिक कथा के अनुसार एक समय चंद्र देवता ने गणेश जी का उपहास किया था, इससे दुखी होकर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया। सफेद रंग का चंद्रमा से जुड़े होने के कारण गणेश जी को सफेद फूल, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन नहीं चढ़ाया जाता है।