Home » माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के 10 उपाय
हिंदू धर्म में मां दुर्गा प्रमुख देवी मानी जाती हैं। इन्हें माता, देवी, वैष्णवी, चामुण्डा, भगवती सहित 108 नामों से जाना जाता है। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। मां दुर्गा को अंधकार व अज्ञानता रूपी राक्षसों से रक्षा करने वाली, ममतामई, मोक्ष प्रदायनी व कल्याणकारी माना जाता है। मान्यता है कि मां दुर्गा राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं। मां दुर्गा के कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)। माता का मुख्य रूप है गौरी। अर्थात शान्तमय, सुंदर व गोरा रूप। इसके अतिरिक्त माता का सबसे भयानक रूप काली है, अर्थात काला रूप। इन्हीं विभिन्न रूपों में मां दुर्गा देश के कई मंदिरों व तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं।
सिंह यानी शेर मां दुर्गा की सवारी माना जाता है। हर जगह माता की प्रतिमा सिंह पर सवार रूप में देखी जा सकती है। यही नहीं, प्रतिमा में माता की 8 भुजाएं भी देखने को मिलती हैं। हर हाथ में कोई न कोई शस्त्र होता है। हिंदू ग्रंथों में मां दुर्गा शिव की पत्नी पावत्री के रूप में वर्णित हैं। जिन ज्योतिर्लिंगों में देवी दुर्गा की स्थापना रहती है, उन्हें सिद्धपीठ कहते हैं। यहां किए गए सभी संकल्प जरूर पूरे होते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा का नाम दुर्गम नाम के महान दैत्य का वध करने के कारण पड़ा। माता ने शताक्षी स्वरूप धारण किया, जिसके बाद वह शाकंभरी देवी के नाम से विख्यात हुईं। शाकंभरी देवी ने ही दुर्गमासुर का वध किया। जिसके बाद वह पूरे ब्रह्मांड में दुर्गा देवी के नाम से जानी जाने लगीं।
देश में मां दुर्गा के कई मंदिर हैं। कहीं पर महिषासुरमर्दिनि शक्तिपीठ तो कहीं पर कामाख्या देवी नाम से प्रसिद्ध हैं। कोलकाता में महाकाली तो सहारनपुर के प्राचीन शक्तिपीठ मे शाकम्भरी देवी के रूप में मां दुर्गा पूजी जाती हैं। साल में 2 बार मां दुर्गा की नवरात्रि पूजा होती है। जिसे चैत्र नवरात्रि व शारदीय नवरात्रि के नाम से जानते हैं। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 शक्ति रूपों को पूजा जाता है व उनका ध्यान, उपासना व आराधना की जाती है। जय अम्बे गौरी आरती मां दुर्गा की सबसे लोकप्रिय आरती में से एक है।
माना जाता है कि मां दुर्गा अगर प्रसन्न हो जाती हैं तो अपने भक्तों की झोली खुशियों से भर देती हैं। बुरी शक्ति हो या कोई दोष मां दुर्गा के आशिर्वाद से सबसे मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा माता अपने भक्तों को मनचाहा फल भी देती हैं। यही नहीं, तंत्र विद्या के लिए भी तांत्रिक मां दुर्गा के शरण में आते हैं। देश में माता के कई शक्तिपीठ या मंदिर देखने को मिल जाएंगे जहां तंत्र विद्या की साधना फल होती है।