Home » देवी दुर्गा के मंत्र
मान्यता है कि अगर प्रत्येक शुक्रवार के दिन मां दुर्गा के मंत्रों का जाप सच्चे मन से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह अत्यंत कल्याणकारी होता है।
इस लेख में हम आपको दुर्गा माता के कुछ विशेष मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, जिनके उच्चारण से जीवन भय एवं बाधारहित हो जाता है। साथ ही समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। आइए पढ़ते हैं मां दुर्गा के ये 4 प्रिय मंत्र।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥
मंत्र का अर्थ:
हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को सिद्ध करने वाली, शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे मां तुम्हें हमारा नमस्कार है।
मंत्र का लाभ:
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥
मंत्र का अर्थ:
जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा धात्री और स्वधा नामों से प्रसिद्ध जगदंबे आपको मेरा नमस्कार है।
मंत्र का लाभ:
ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि।
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्॥
मंत्र का अर्थ:
हिमालय राज की पुत्री और भगवान शिवजी की प्रिया जिनका नाम गिरिजा है, जो विशेष बुद्धि की धारक हैं ऐसी दुर्गा मां का हम ध्यान करते है, और उन मां दुर्गा को प्रणाम करते है। माता हमें अपनी शरण में लें।
मंत्र का लाभ: