Home » गरुड़ मंत्र
गरुड़ पक्षियों के राजा हैं और भगवान विष्णु के पूजनीय वाहन हैं। गरुड़ जी के अधिपति श्री हरि विष्णु हैं। माना जाता है कि गरुड़ लोगों को उनकी मृत्यु के बाद विष्णु-लोक में ले जाते हैं। गरुड़ सांपों का शाश्वत शत्रु है और जहर और अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचाता है। गरुड़ मंत्र का प्रयोग साधक के आसपास के काले जादू, कर्ज और तंत्र को दूर करने के लिए किया जाता है। गरुड़ मंत्र का जाप करने से सदबुद्धि आती है। गरुड़ मंत्र का जाप करते समय, पढ़ते व सुनते समय मन में किसी के लिए बुरे विचार को नहीं लाना चाहिए।
पौराणिक मान्यता के अनुसार गरुड़ मंत्र का जाप करना बेहद शुभ व फलदायी होता है। गरुड़ मंत्र जाप करने से जीवन से दुर्भाग्य दूर होता है, जिससे जीवन में धन संपदा बनी रहती है। अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो गरुड़ मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए। इससे जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है और जीवन की हर बाधा दूर हो जाती है।
1. गरीबी दूर करने का मंत्र
ॐ जूं स:
गरुड़ जी के इस मंत्र का जाप से दरिद्रता और दुर्भाग्य खत्म होता है और जातक धनवान बनता है। ऐसा बताया जाता है कि अगर छह माह तक जातक इस मंत्र का जाप लगातार करता है तो उसके जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं।
2. संजीवनी मंत्र
यक्षि ओम उं स्वाहा
गरुड़ पुराण में संजीवनी मंत्र का भी उल्लेख है। गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति इस मंत्र को सिद्ध कर लेगा वह दूसरों के जीवन में भी खुशियां ला सकता है। लेकिन पूरे नियमों को जानने के बाद संजीवनी मंत्र का प्रयोग किसी सिद्ध व्यक्ति के सानिध्य में करना चाहिए। इसके साथ ही इसका उपयोग हमेशा जगत कल्याण के लिए ही किया जाना चाहिए।
3. ॐ पक्षिराजाय विद्महे पक्षिदेवाय धीमहि तन्नो पक्षिः प्रचोदयात् ||
गरुड़ सांपों का शाश्वत दुश्मन है और जहर और अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचाता है। इस गरुड़ गायत्री मंत्र का उपयोग साधक के आस-पास के काले जादू, ऋण और तंत्र को दूर करने के लिए किया जाता है।
4 गरुड़ गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरूषाय विद्महे, सुवर्णपक्षाय धीमहि, तन्नो गरुड: प्रचोदयात् ||
हे पक्षियों के राजा गरुड़ मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करें, सुख-संपत्ति के साथ मुझे जीवन में खुशहाली दें।
5. विष्णुरेकादशी गंगा तुलसीविप्रधेवनः। असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
हर काम में सफलता पाने के साथ-साथ हर दु:खों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो रोजाना सुबह स्नान आदि करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए।