Home » महाकाल भैरव बीज मंत्र
महाकाल भैरव हिंदू धर्म में एक भयानक और शक्तिशाली देवता हैं। वे भगवान शिव का ही एक क्रोधित रूप हैं। महाकाल का अर्थ है ‘महान काल’ यानी समय के स्वामी। भैरव शब्द का अर्थ है ‘भयंकर’।
भगवान काल भैरव, भगवान शिव के एक क्रोध रूप का अवतार हैं। उन्हें भगवान शिव का पांचवा अवतार माना जाता है। भैरव का मतलब है भय का हरण करने वाला। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का स्वामी भी कहा जाता है। भैरव को दंडपाणि भी कहा जाता है, क्योंकि वे पापियों को दंड देने के लिए एक छड़ी या डंडा रखते हैं।
भगवान काल भैरव से जुड़ी कुछ बातें:
ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः
यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है और इसका जाप करने से महाकाल भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
बुरी शक्तियों से रक्षा
महाकाल भैरव की कृपा से व्यक्ति को बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत आदि से रक्षा मिलती है।
शत्रुओं का नाश
यह मंत्र शत्रुओं को शांत करने और उनकी बुरी नजर से बचाने में सहायक होता है।
रोगों से मुक्ति
महाकाल भैरव की कृपा से व्यक्ति कई तरह के रोगों से मुक्ति पा सकता है।
धन-धान्य की प्राप्ति
नियमित रूप से मंत्र जाप करने से व्यक्ति को धन-धान्य में वृद्धि होती है।
मन की शांति
मंत्र जाप करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
आत्मविश्वास में वृद्धि
महाकाल भैरव की कृपा से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है।
कामना सिद्धि
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी महाकाल भैरव का मंत्र जाप किया जाता है।
मोक्ष की प्राप्ति
कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाकाल भैरव का मंत्र जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
FAQs
Q1. काल भैरव का बीज मंत्र कौन सा है?
Ans. ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः, अन्य बीज मंत्र- ॐ भैरवाय नमः, ॐ कालभैरवाय नमः, ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।
Q2. भ्रं बीज मंत्र किसका है?
Ans. भ्रं बीज मंत्र का संबंध काल भैरव से है। काल भैरव के लिए भ्रं बीज मंत्र के साथ-साथ ये मंत्र भी जपे जाते हैं- ॐ कालभैरवाय नमः, ॐ भयहरणं च भैरवः।
Q3. कौन सा भैरव सबसे शक्तिशाली है?
Ans. कहा जाता है कि महाकाल भैरव, सभी भैरवों के शासक हैं। इन्हें काल भैरव भी कहा जाता है। कुछ शैव तांत्रिक ग्रंथों के मुताबिक, महाकाल भैरव इस ब्रह्मांड के समय के सर्वोच्च शासक हैं। भैरवी, महाकाल भैरव की पत्नी हैं।
आकाश भैरव को शरभ भैरव या पक्षीराज भैरव भी कहा जाता है। मान्यता है कि जब भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का वध किया था, तब उग्र भगवान नरसिंह को शांत करने के लिए आकाश भैरव ने अवतार लिया था। आकाश भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप भी माना जाता है।
Q4. ओम भैरवाय नमः मंत्र से क्या होता है?
Ans. इस मंत्र का 108 बार जाप करने से भैरवनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित कर इसका जाप करने से सुख-समृद्धि का आशीष मिलता है। इससे दुख और दरिद्रता का नाश होता है। भय, शत्रु, नकारात्मक शक्तियों और ग्रह दोषों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।