सूर्य मंत्र

इस मंत्र के जाप से मिलेगी जीवन में सफलताएं

सूर्य देव (Surya Dev)

सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य देव की वजह से ही पृथ्वी प्रकाशवान है और यहां जीवन संभव है। सूर्य देव की आराधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। सूर्य देव पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान, यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का करक होते हैं। सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी हैं। सूर्य का शाब्दिक अर्थ सर्व प्रेरक है। सूर्य देव सभी जगह प्रकाश देने वाले हैं, इसलिए उन्हें सभी का कल्याण करने वाला कहा जाता है। कुंडली में सूर्यदेव मजबूत है तो जातक के जीवन में राज योग बनता है और समाज में खूब यश, सम्मान की प्राप्ति होती है। सूर्य देव रविवार के शासक हैं, इसलिए रविवार के दिन किसी भी सूर्य मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। सूर्य देव को श्री राम भक्त भगवान हनुमान जी का गुरु माना जाता है। ज्योतिषों की माने तो सूर्य देव की आराधना करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि के साथ सुख-समृद्धि भी मिलती है और सूर्य देव से अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंडितों की माने तो कुंडली में सूर्य देव के उच्च भाव में होने से करियर में सफलता है। साथ ही समाज में मान-सम्मान के साथ प्रशासनिक लाभ मिलता है। व्यक्ति की आजीविका में सूर्य सरकारी पद का प्रतिनिधित्व करता है। व्यक्ति को सिद्धान्तवादी बनाता है, इसके अतिरिक्त सूर्य कार्यक्षेत्र में कठोर अनुशासन अधिकारी, उच्च पद पर आसीन अधिकारी, प्रशासक, समय के साथ उन्नति करने वाला, निर्माता, कार्यों का निरिक्षण करने वाला बनाता है। कुंडली में सूर्य देव को मजबूत करने के लिए तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन जैसे वस्तुओं का दान करना चाहिए। रविवार का व्रत रखने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव जल्दी प्रसन्न होते हैं।

सूर्य मंत्र का जाप कैसे करें ? (How to chant Surya Mantra?)

  • सूर्य मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करके सफेद वस्त्र पहन लें।
  • इसके बाद उगते हुए सूर्य देव को ‘ॐ घृणि सूर्याय मंत्र’ के साथ रोली, लाल फूल, अक्षत और मिश्री मिले जल से अर्घ दें।
  • सूर्य देव को अर्घ देने के बाद घर के ईशान कोण पर लाल आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
  • इसके बाद सूर्य देव को धूप-दीप दिखाएं और सफेद वस्त्र-जनेऊ चढ़ाएं।
  • सूर्य देव को फल, मिष्ठान अर्पित करने के बाद उनका ध्यान करें।
  • अब सूर्य मंत्र का जाप शुरू करें।

सूर्य देव के मंत्र (Surya dev Mantra)

1. आदित्य हृदयं मंत्र ।। आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।।

अर्थ – आदित्य हृदयं मंत्र का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है। आदित्य हृदयं मंत्र का जाप करने से जातक के सभी कार्य सफल होते हैं और हर क्षेत्र में उसे सफलता मिलती है। इस मंत्र का जाप करने से जातक का आत्मविश्वास बढ़ता है।

2. ॐ हृीं रवये नम: अर्थ – सुबह सूर्य देव के सामने खड़े होकर इस मंत्र का जाप करने से गंभीर और असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। इस मंत्र के शुद्ध उच्चारण करने से शरीर में रक्त का संचार ठीक रहता है और कफ जैसे रोग दूर होते हैं।

3. ॐ हूं सूर्याय नम: अर्थ – ब्रह्म मुहूर्त में उगते हुए सूर्य के सामने इस मंत्र का जाप करने से जातक को मानसिक शांति मिलती है। मंत्र का जाप करने से जातक के सभी प्रकार की समस्याओं का अंत होता है।

4. ॐ ह्रां भानवे नम: अर्थ – सूर्य देव के सामने इस मंत्र का जाप करने से मूत्राशय संबंधी बीमारियों का अंत होता है। इस मंत्र का जाप करने से शरीर में ओजस नामक तत्व का विकास होता है।

5. ॐ हृों खगाय नम: अर्थ – सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करने से शरीर में बुद्धि और बल का विकास होता है। इस मंत्र का जाप करने से जातक के शरीर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है।

सूर्य मंत्र का जाप के लाभ (Benefits of chanting Surya Mantra)

  • सूर्य मंत्र का नियमित जाप करने से जातक के सभी रुके काम पूरे होते हैं।
  • सूर्य मंत्र का जाप करने से जातक में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • सूर्य मंत्र का जाप करने से जातक को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल होता है।
  • जो छात्र-छात्राएं सूर्य मंत्र का जाप करते हैं उनका पढ़ाई में अच्छे से मन लगता है और उनका भविष्य उज्ज्वल होता है।
  • सूर्य मंत्र का नियमित जाप करने से वाले जातक को समाज में सम्मान मिलता है।
  • सूर्य मंत्र का जाप करने वाले जातक बड़े पदों पर आसीन होते हैं।
  • सूर्य मंत्र का जाप करने से जीवन से तनाव और चिंता दूर होती है।
  • सूर्य मंत्रों के नियमित उच्चारण से जातक अपने क्रोध पर नियंत्रण प्राप्त करता है।

सूर्य मंत्र जाप करते समय इन बातों का रखें ध्यान (kept in mind while chanting Surya Mantra)

  • सूर्य मंत्र का जाप, स्नान करके और साफ वस्त्र पहन कर ही करना चाहिए।
  • सूर्य मंत्र का जाप करते समय तामसिक भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए।
  • सूर्य मंत्र का जाप करते समय किसी के लिए बुरे ख्याल नहीं रखना चाहिए।
  • सूर्य मंत्र का जाप उगते हुए सूर्य के समय ज्यादा अच्छा माना जाता है।
  • सूर्य मंत्र का जाप करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • सूर्य मंत्र का जाप करते समय मंत्रों का उच्चारण शुद्ध रूप से करना चाहिए।
  • कोशिश करनी चाहिए कि मंत्रों का जाप करने तक अन्न न ग्रहण करें।
  • सूर्य मंत्र का जाप करते समय किसी के लिए अप्रिय शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।